ये दिल न जाने क्या ढूंढता है, हर रोज न जाने क्या बुनता है। एक ख्वाहिश रोज दिल में ये दिल न जाने क्या ढूंढता है, हर रोज न जाने क्या बुनता है। एक ख्वाहि...
दिल ढूंढता है उसे हर जगह,हर पल, दिल पुकारता है उसे हरपल ना जाने वो कब मेरी प्यार क दिल ढूंढता है उसे हर जगह,हर पल, दिल पुकारता है उसे हरपल ना जाने वो कब ...
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...
माँ माँ